चमोली में तबाह हुआ ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, रुद्रप्रयाग पहुंचा पानी
प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ने हालात का लिया जायजा, घटना स्थल पर मुख्यमंत्री पहुंचे
न्यूज भारत, नई दिल्ली/ लखनऊ: देवभूमि उत्तराखंड में रविवार की सुबह कुदरत कहर बरपा है। यहां ग्लेशियर फटने से चमोली जिले में एवलांच में ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। वहीं इस प्रोजेक्ट में काम करने वाले करीब 150 लोगों के लापता होने की अशंका जताई जा रही है। वहीं राहत व बचाव में लगे आईटीबीपी ने 100 के मरने की खबर और करीब 50 से अधिक सुरंग में मौजूद थे। जबकि सबसे अहम बात यह बतायी जा रही की यह आंकड़ा करीब 300 के पार जा सकाता है। मालूम हो कि रविवार को आए इस कहर से धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध इस पानी की धार से पूरी तरह टूट गया। जिससे कारण गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसको देखते हुए उत्तराखंड राज्य के चमोली से लेकर हरिद्वार तक नदी के किनारे बसे लोगों को हटाने के साथ रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार जब यह हादसा हुआ, तपोबन के पास दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर काम पर थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है, जबकि दो लोगों के शव मिली है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं और मौके पहुंच गए हैं।
जबकि असम व बंगाल के दौरे पर गए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया है और हालत पर नजर बनाए हुए है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, 'इस संबंध में सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की है। डीजी आइटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से भी बात की और सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने को कहा गया है। वहीं एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य लगाई गई है। गृहमंत्री ने देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह ग्लेशियर फटने के बाद आए एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट की हालत बिगड़ गए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के अनुसार रविवार की सुबह हिमखंड टूटकर पहाड़ से भारी मलबा आने के कारण इन दोनों हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज टूट गया। इससे बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है।
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