चाय की प्‍याली में कोरोना का कहर

चाय पर टैक्स घटाने व आयकर में छूट पर विचार करे केन्‍द्र सरकार : कमल तिवारी

सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी के चेयरमैनका सुझाव, छोटे व्‍यापारियों को मिलेगी राहत

कोरोना संकमण से चाय के उत्‍पादन में गिरावट, करीब 130 मिलियन किलाे की आयी कमी

पवन शुक्‍ल, सि‍लीगुड़ी

कोरोना संक्रमण के कारण देश-दुनिया के अन्य उद्योग-व्‍यापार में तेजी से बदलाव आया है। वहीं सबसे सस्‍ते पेय पदार्थ चाय के में मूल्‍य में तेजी से हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण के सभी छोटे व्‍यापारी भारी दबाव का समाना कर रहे हैं। एक तरफ कोरोना कहर दूसरी तरफ मूल्‍य के उतार-चढ़ाव के हालत यह है कि बाजार की तेजी मंदी का असर अब छोटे चाय पैकेट निर्माताओं पर पड रहा है। जिसके कारण अब दुनयिां के सबसे सस्‍ते पेय पदार्थ चाय की प्‍याली भी महंगी होने लगी है। असम के बाद भारत में उत्‍तर बंगाल चाय का सबसे बड़ा हब है। जिसके कारण चाय व्‍यवसाय से यहां हजारों लोग जुड़े है। इसलिए चाय की तेजी मंदी का असर यहां के बाजारों पर भी पड़ रहा है। चाय व्‍यवसाय जुडे लोगों की माने तो देश की बड़ी चाय निर्माता कंपनीयों के कारण ही चाय के बाजार में अचानक तेजी मंदी का दौर हो रहा है। उनके इस व्‍यापार के कारण छोटे व्‍यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

तेजी और मंदी का दौर

कोरोना संक्रमण काल मार्च 2020 से शुरू हुआ और उसी दौरान चाय के उत्‍पादन का समय होता है। मजदूरों को घरों में रहने के कारण चाय के उत्‍पादन में तेजी गिरावट जिसके कारण चाय के मूल्‍य में करीब सौ रूपये से अधिक की तेजी आ गई। करीब तीन माह तक चले इस सक्रमण के कारण सब कुछ ठप रहा। जैसे ही कोरोना संक्रमण थोड़ा कम हुआ चाय के उत्‍पादन का दौर शुरू हुआ फिर चाय तेजी से नीचे गिरी जिसके कारण कोराना काल में खरीदी गई चाय में छोटे व्‍यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। सि‍र्फ चार माह तक चले चाय उत्‍पादन के कारण इस वर्ष करीब 130 मिलियन किलो चाय का उत्‍पादन कम हुआ। वहीं नवंबर के बाद बागानों के कटिंग होने के कारण फिर चाय का उत्‍पादन बंद होने के कारण द‍िसंबर महा से चाय के मूल्‍य में तेजी से इजाफा हुआ है और अब चाय का मूल्‍य आसामन पर है। हलांकि चाय उत्‍पादक व बिक्रेताओं का मानना है कि मार्च 2021 के बाद चाय की नयी फसल बाजार में आने के बाद मूल्‍य में कुछ गिरावट होगी। लेकिन फस्‍ट फ्लस की चाय होने के कारण अभी मई या जून से पहले चाय में गिरावट आने की संभावना कम नजर आती है।      

सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी के चेयरमैन का सुझाव

सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी के चेयरमैन कमल किशोर तिवारी की राय में सरकार को सुझाव दिया है। कि अगर हर आम जनों को दुनयिां के सबसे सस्‍ते पेय पदार्थ चाय में आम लोगों को राहत देना है तो सरकार को इसके टैक्‍स में कुछ कटौती करनी होगी। उन्‍होने बताया कि चाय के मूल्‍य में तेजी से उतार-चढ़ाव के कारण चाय कारोबारी भी दबाव में है। सरकार को इसमें तुरंत राहत देने की आवश्यकता है। सरकार अभी चाय पर पांच प्रतिशत टैक्स लेती है. इसे तुरंत समाप्त कर देना चाहिए।  क्योंकि यह पांच प्रतिशत टैक्स भी अभी चाय उद्योग पर भारी पड़ रहा है। चेयरमैन कमल तिवारी का मानना है कि टैक्स कटौती का ऊपरोक्त सुझाव इसलिए है कि वर्तमान की दशा में सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है। इसके साथ छोटे चाय व्‍यापारियों को राहत मिलेगी।

श्री तिवारी ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण चाय के उत्पादन में लगभग 130 मिलियन किलो की कमी आ गयी है। श्री तिवारी ने कहा कि चाय दुनियों की सबसे सस्‍ता पेय पदार्थ है और इसका उपयोग अमीर से लेकर गरीब तक, सभी लोग करते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह तुरंत इस उद्योग क्षेत्र को राहत रियायत देने पर विचार करे। क्‍योंकि वर्तमान में टी बोर्ड के नये-नये नीति नियम के चलते चाय उद्योग में इंस्पेक्टर राज का असर बढ़ता जा रहा है। इस पर भी सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे भी उद्योग की सेहत व इसके भविष्य पर असर पड़ेगा। वहीं श्री तिवारी ने आने वाले बजट में केंद्र सरकार को आयकर में छूट की लिमिट को बढ़ा कर पांच लाख रखने का भी सुझाव दिया है।