हिंसा की राजनीति और कटमनी से परेशान हैं लोग: राजू बिष्ट

2021 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी भाजपा

न्‍यूज भारत,सिलीगुड़ी: बंगाल के लोग हिंसा, हत्या, भाई-भतीजावाद, कटमनी और भ्रष्टाचार की राजनीति से पूरी तरह परेशान हैं। वहीं पूरा बंगाल आज विकास के अभाव से जूझ रहा हैं। यहां के लोग पुलिसराज और तृणमूल के गुंडों की तानाशाही से परेशान हैं, इसलिए अब बंगाल में लोग बदलाव चाहते हैं। बंगाल में आजादी के बाद राज्य में जितनी भी सरकारें बनी बंगाल के धरोहर को संजोकर आगे ले जाने की कोई सोच या चिंतन बेपरवाह  रही हैं। सभी को देश और पश्चिम बंगाल की भलाई से ज्यादा अपनी कुर्सी और सत्ता से प्यार रहा और सभी सरकारों की गलत नीतियों की वजह से पश्चिम बंगाल को अंधकार में धकेल दिया है। उक्‍त बातें दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सह राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने नक्सलबाड़ी के निकट पानीटंकी के दूध मोड़ में एक आयोजित जनसभा को संबोधित कही।

उन्‍होंनं कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा भारी जीत के साथ भाजपा सत्ता में आएगी। आज भारत समेत पूरी दुनियां में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विकास और सुशासन के लिए पसंद किया जा रही है वहीं अब बंगाल के लोग भी अब वही विकास और सुशासन चाहते हैं।  उन्होंने ने ममता पर तंज कसते हुए कहा कि दीदी के राज में जो भी कुछ हो रहा है, क्या बंगाल के पूर्वजों ने कभी यह सोचा होगा कि इस जमीन पर इतनी निम्न स्तर की राजनीति भी होगी? पहले वामपंथियों ने बंगाल को बर्बाद किया जो बचा था उसे तृणमूल सरकार ने पूरी कर दी। श्री बिष्‍ट ने कहा कि ममता बनर्जी भाजपा पर बंगाल को अशांत करने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा की शून्य विकास और अधिकतम हिंसा की राजनीति से तंग आकर, बंगाल के लोगों ने 2011 में बदलाव के लिए मतदान कर ममता बनर्जी को को चुना था। लेकिन सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी माकपा से अधिक क्रूर और तानाशाह हो गईं। आज तृणमूल पूरे राज्य में हिंसा फैला रही है। तृणमूल के लोगों ने पिछले कुछ वर्षो में 150 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की है। 2017 में दार्जिलिंग में 11 निर्दोष गोरखाओं की हत्या कर दी गई। हिंसा की हद इतनी कि राज्य सरकार ने 2018 के बाद से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ आकड़ा साझा करने से भी इनकार कर दिया है। 2018 के एनसीआरबी के आकड़ों के अनुसार बंगाल हत्या के मामलों में देश में पहले स्थान पर है। 64 हजार 832 महिलाएं राज्य से गायब हैं। राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में सजा का दर लगभग 23 प्रतिशत है, मगर पश्चिम बंगाल में सिर्फ 5.3 प्रतिश्त ही है। वहीं बंगाल में आईएसआई नेटवर्क के कई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। जमात-ए-मुजाहिदीन और अलकायदा के आतंकवादियों को बंगाल में सुरक्षित पनाह देने का काम होता है। कई तृणमूल नेताओं ने अपने घरों में बम बनाने के चक्कर में खुद को उड़ा लिया है।