एमएमएमयूटी में कला, संस्कृति और संगीत का अभूतपूर्व संगम
एनई न्यूज भारत, गोरखपुर
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के वार्षिक कला, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव अभ्युदय ‘25 का तीसरा एवं अंतिम दिन,6 अप्रैल, रचनात्मकता, उमंग और सांस्कृतिक विविधता की अनुपम छटा के साथ सम्पन्न हुआ। ‘स्प्लैश’ रंगोली प्रतियोगिता से हुई, जहाँ प्रतिभागियों ने रंगों, आकृतियों और अपनी कल्पनाओं से धरातल को एक जीवंत कैनवास में परिवर्तित कर दिया। यह प्रतियोगिता सौंदर्यबोध और कलात्मकता का प्रतीक बनकर उभरी।इसके पश्चात मंच सजा ‘रेडर ज़ोन’ के लिए, जिसमें एकल नृत्य प्रतियोगिता के फाइनल राउंड ने दर्शकों को उत्साह और तालियों की गूंज से भर दिया।
प्रतिभागियों ने लय, भाव और तकनीक का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत करते हुए मंच पर अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी।
‘ग्लेयर दी अर्थनवेयर’ प्रतियोगिता में पारंपरिक घड़ों की सजावट ने सृजनात्मकता के नए आयाम दर्शाए, जबकि ‘डबल ट्रबल’ युगल नृत्य प्रतियोगिता में जोड़ीदारों ने तालमेल और समर्पण से मंच पर जादू बिखेरा। हास्य और तात्कालिकता से भरी ‘इंप्रोवमैनिया’ प्रतियोगिता ने दर्शकों को गुदगुदाया, वहीं ‘कर्टन कैओस’ की हास्य प्रस्तुतियाँ सामाजिक व्यंग्य और संवादों से भरपूर मनोरंजन लेकर आईं। भावों की मौन भाषा को दर्शाती ‘ग्रेसिंग जेस्चर्स’ प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने केवल हावभाव के माध्यम से अद्भुत अभिनय कौशल का परिचय दिया। इसके बाद ‘बंदिश’ वाद्य संगीत प्रतियोगिता की मधुर धुनों ने दर्शकों को एक सुरमयी यात्रा पर ले गया।
‘टैटू मेकिंग’ प्रतियोगिता में कलाकारों ने प्रतीकों और डिज़ाइनों के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत किया, जबकि ‘रैपक्षेत्र’ में युवाओं ने सामाजिक संदेशों और आत्मविश्वास से लबरेज प्रस्तुतियों के साथ रैप की दुनिया में अपनी ऊर्जा का प्रदर्शन किया। संध्या 6:30 बजे हुए समापन समारोह में कुलपति महोदय एवं विशिष्ट अतिथियों ने तीन दिवसीय इस आयोजन की भव्य सफलता के लिए आयोजकों, प्रतिभागियों और सभी सहयोगियों को बधाई दी। साथ ही, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
रात्रि 8:00 बजे हुए म्यूजिकल नाइट में सुप्रसिद्ध गायक शिवम चौहान की सजीव प्रस्तुति ने पूरे विश्वविद्यालय को संगीतमय उत्सव में बदल दिया। उनकी भावपूर्ण गायन शैली और दिल छू लेने वाले सुरों ने हर दिल को झंकृत कर दिया। दर्शकों की तालियाँ और उत्साह आयोजन को अविस्मरणीय बना गए। अभ्युदय '25 की यह अंतिम संध्या संगीत, सृजन और स्मृतियों के मधुर संगम के साथ सम्पन्न हुई, जो प्रतिभागियों और दर्शकों के हृदय में सदा के लिए एक अमिट छाप छोड़ गई।