'हिंदी के शब्दों का लिंग निर्धारण के लिए गीत गाकर' शीर्षक से छह महाविद्यालयों के बीच प्रतियोगिता संपन्न
एनई न्यूज भारत, सिलीगुड़ी
पश्चिम बंगाल हिंदी अकादमी द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल से परिकल्पित माहव्यापी आयोजन के तहत 'हिंदी के शब्दों का लिंग का निर्धारण के लिए गीत गाकर' शीर्षक से छह महाविद्यालयों के बीच प्रतियोगिता संपन्न कराई गई। अकादमी के सदस्य डॉ अजय कुमार साव ने स्वागत करते हुए गीतों के माध्यम से शब्दों की लैंगिक पहचान की परिकल्पना को प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिंदी की भाषिक संरचना में लिंग के अनुसार शब्दों का प्रयोग सामान्यत: एक समस्या है। इसका वैयाकरणिक समाधान आमजन की पहुंच से बाहर है। इसलिए फिल्मी गीतों को गाते हुए इसके लैंगिक संदर्भों की पहचान इस समस्या के निकट समाधान की संभावना बनती है। विद्यार्थी समाज लिंग संबंधी सुधार के साथ सिर्फ बोलेंगे ही नहीं, उत्तर-पुस्तिका लिखने में भी उन्हें मदद मिलेगी।
कालीपद घोष तराई महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मीनाक्षी चक्रवर्ती ने कहा कि फर्राटे से बोलना आसान है पर लिखते समय लैंगिक सजगता एक चुनौती है। इसके लिए गीत गाकर लिंग निर्धारण का आयोजन रुचिकर और प्रेरक भी है। विद्यार्थी समाज ही नहीं, आम लोग भी जब ऐसे कार्यक्रम को सुनेंगे तो उन्हें मदद मिलेगी।
शिक्षक परिषद के संपादक पिंटू प्रसाद के वक्तव्य में कहा कि अपनी लिंग संबंधी असुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि बातें करना संभव है पर लिंग की भूल एक आतंक-सा लगता है। इसलिए यह प्रतियोगिता इस आतंक से हमें बाहर लाएगी। यह अद्भुत और ऐतिहासिक कार्यक्रम है। विभाग की अध्यक्ष डॉ. पूनम सिंह ने कहा कि गीत हमारी दिनचर्या का पर्याय-सा है, पर ऐसे ही गीतों को जब लैंगिक पहचान एवं संशोधन का अवसर बनाकर हम बोलने और लिखने का अभ्यास करेंगे तब लिंग की दृष्टि से हमारी भाषा अवश्य ही शुद्ध हो जाएगी। प्रधानाध्यापक अंबुज राय ने प्रतियोगिता को अनोखा कार्यक्रम बताते हुए कहा कि पहली बार यह अनुभव हुआ मानो हिंदी की लैंगिक पहचान को व्याकरण के जटिल और उबाऊ दायरे से बाहर निकाल कर भी समझा-समझाया जा सकता है।
निर्णायक की भूमिका में सक्रिय रहे देवेंद्र नाथ शुक्ल ने फिल्मी गीतों में आए शब्दों की लैंगिक पहचान के लिए क्रिया, विशेषण के अलावा कारक तत्वों को आधार स्वरूप प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अकादमी के सदस्य डॉ. ओमप्रकाश पांडेय ने विद्यार्थी समाज के लिए गीतों के माध्यम से शब्दों के लिंग निर्धारण को अपने अध्ययन का हिस्सा बनाने की सलाह दी।
प्रतियोगिता में शामिल सूर्य सेन महाविद्यालय के शेख गुलाम मोहम्मद, देवेश मिश्र, आकाश शर्मा ने प्रथम स्थान, सिलीगुड़ी महाविद्यालय की ज्योति श्रीवास्तव, पीहू महतो, काजल झा ने द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान बिरसा मुंडा कॉलेज के राम लोचन महतो, पायल सिंह और करीना कुमारी यादव ने प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त कालीपद घोष तराई महाविद्यालय और परिमल मित्र स्मृति महाविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर प्रोफेसर सुशील मिश्रा, डॉ रंजीता राय सरकार, प्रो. राहुल महतो, डॉ हिमिका मुखोपाध्याय, प्रोफेसर विवेकानंद होर, रेखा थापा, डॉ शशि शर्मा, डॉ सूरज तमांग, प्रोफेसर राम मुरमू, डॉ. प्रोफेसर वेदिका थापा, सूरज तामांग, राहुल महतो, दीपेन तामंग, वासुदेव थापा, दीपंकर दास, आरती हुजूर, वी आकाश राव, मनीषा गुप्ता ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन राजनंदनी राय, रश्मि भट्ट, निशु साहू, निखिल साहनी, दीपक पासवान, प्रियंका शाह ने किया प्रतिभागियों के साथ अन्य प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।