भारत-चीन में झड़प, भारत के 20 जवान शहीद

चीन के करीब 45  सैनिक मारे गए या बुरी तरह घायल

देर शाम एलएसी पर उड़ रहे थे चीनी हेलीकाप्‍टर

  45 साल के बाद हुई इस तरह की घटना

न्यूज भारत, नई दिल्लीः विश्व भारत के बढ़ते प्रभाव से घबराए चालबाज चीन फिर एक बार अपना असली चेहरा दिखाते हुए, सोमवार की रात गलवन घाटी में भरतीय सैनिकों को उकसाने के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। झड़प में करीब 20 भारतीस सैनिक शहीद हो गए। जबकि खबरों के अनुसार चीन के करीब 45  सैनिक मारे गए या घायल होने की खबर है। इसकी सही जानकारी सेना अभी तक सेना ने नहीं किया है। खबरों की माने तो एलएसी की स्थिति को चीनी सैनिक नुकसान पहुंचा रहे थे। जिसको को रोकने के लिए सेना के कामंडिग आफिसर संतोष बाबू गए स्थिति को सामान्‍य करने के लिए, लेकिन चालबाज चीन ने भरतीय सेना की टुकड़ी पर हमला कर दिया।   प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की यात्रा रद्द कर दी है।  सैनिकों के बीच हुए झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की। दूसरी तरफ इस झड़प में चीनी सेना के करीब 45 जवानों के मारे जाने या गंभीर तौर पर घायल होने की सूचना मिली है। उधर, चीनी विदेश मंत्रालय का बयान आया है जिसमें इस झड़प का दोष पूरी तरह से भारतीय सेना पर डालने का काम किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सोमवार को भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा का गंभीर तौर पर उल्लंघन किया है। उन्होंने चीन के क्षेत्र में घुस कर चीनी सैनिकों पर हमला किया है। साथ ही यह भी कहा है कि भारत व चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए व एलएसी पर शांति व स्थायित्व बहाली के लिए सहमत हैं। भारतीय पक्ष की तरफ से भी बताया गया है कि हालात बिगड़ने के बाद दोनो पक्षों के बीच जमीनी तौर पर बातचीत जारी है ताकि तनाव को खत्म किया जा सके। पिछले कई दशकों से नहीं हुई ऐसी झड़पः भारत चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशें के जवानों के बीच धक्का-मुक्की आए दिन होती है, वहीं दोनों पक्षों की तरफ से पिछले चार दशकों से इस बात का ख्याल रखा जाता रहा है, और किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं सोमवार देर रात कई घंटों तक गलवन क्षेत्र में दोनों तरफ से जिस तरह से झड़प हुई है वैसी झड़प पिछले कई दशकों से नहीं हुई थी। इससे पहले एलएसी पर भारतीय जवान की मौत 45 वर्ष पहले 1975 में  चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में पेट्रोलिंग कर रहे असम राइफल्स के जवानों पर चालबाज चीन ने घात लगा कर हमला किया था, जिससे चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे।उधर देर रात चीनी हेलीकाप्‍टरों को एलएसी के पास देखा गया है।