• सिलीगुड़ी में सज गया दिवाली का बाजार का कवाखली मैदान में लगा पड़ाके का मेला
• 12 दिवसीय चलेगा पड़ाका मेला 21 अक्टूबर से हुआ शुरू 1 नवंबर तक रहेगा बाज़ार
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एनई न्यूज भारत,सिलीगुड़ी:दिवाली से पूर्व सज्जा गया पटाखों का बाज़ार,खरीदारी के लिए दुकानों पर ग्राहकों का इंतजार। इस बार सिलीगुड़ी में पड़ाको के कूल 50 दुकान लगाया गया है, जो पश्चिम बंगाल सरकार के दिशा निर्देश अनुसार लगाए गए हैं। स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के पड़के उपलब्ध है जिसमें छूरछूरी,रॉकेट,चकरी, मिर्ची बम, चॉकलेट बम समेत कहीं नए पड़ाके देखने को मिले। जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। खासताैर पर लोगाें को यूक्रेन-रूस युद्ध की थीम पर बने स्काई पटाखे पसंद आ रहे हैं, जो 200 फीट ऊपर जाकर बजेंगे। पटाखा कारोबारी अमरजीत दुबे ने बताया कि इस दिवाली पटाखा बनाने वाले कारीगर अंतरराष्ट्रीय युद्ध में प्रयोग की जाने वाली मिसाइल, ड्रोन बम और हेलीकॉप्टर की तर्ज पर पटाखे बना रहे हैं, जिसे लोगों को खूब पसंद आ रहा है है।
आतिशबाजी के शौकीन लोग दिवाली का इंतजार बेसब्री से करते हैं, आतिशबाजी कर लोग अपनी खुशियों को व्यक्त करते हैं। और सिलीगुड़ी बाजार में दिवाली ऐसी मनाई जाती है मानव की किसी के घर की शादी हो। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना की जाती है। कहते हैं कि इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापास लौटे थे,जिसकी खुशी में भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखा जाता है,और इस दिन सभी नगरवासियों दीप जला कर पुरे गली मोहले जगमगाते हैं। दीप जलाने का मतलब लोग कहते हैं अच्छाई पर बुराई की जीत के प्रतीक हैं।
यह त्योहार रोशनी, खुशी और समृद्धि का प्रतीक है, जो हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली का महत्व केवल एक धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है; यह जीवन के अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा देता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं।